शारदा सिन्हा की किस बिमारी ने ली जान, बिहार की कोकिला का छठ पर निधन, धीरे धीरे आवाज़ गई फिर बिमारी ने ले ली जान, जानें कितना घातक है ये रोग बिहार की कोकिला और भोजपुरी लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली सिंगर की इन चाहने वालों को इस खबर से बड़ा झटका लगा शारदा सिन्हा की तस्वीर शेयर करते हुए उनके निधन की खबर की पुष्टि उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने कर दी है.
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अब ऐसे में सवाल ये बनता है की शारदा सिन्हा की किस बिमारी ने जान ली और उसके परहेज यानि बचने के उपाय क्या हैं आपको बता दें कि शारदा सिन्हा 72 वर्ष की थी दिल्ली के एम्स में भर्ती थी बीते सोमवार को उनकी स्थिति अचानक बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शारदा सिन्हा 2018 से मल्टिपल माइलोमा नामक एक जानलेवा बिमारी से पीड़ित थी मल्टिपल माइलोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है.
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जो कि प्लाज़्मा सेल्स को प्रभावित करता है ये खून में एक विशेष प्रकार का व्हाइट ब्लड सेल्स होता है जो शरीर की इम्युनिटी को बनाए रखने में मदद करती है इस बिमारी में प्लाज़्मा सेल्स अनियंत्रित रूम से बढ़ती है और हड्डियों के अंदर ये ट्यूमर का रूप ले लेती है ये सेल्स शरीर में अन्य हेल्दी सेल्स को नष्ट करती है और हड्डियों को कमजोर बना देती है मल्टिपल माइलोमा की शुरुआती लक्षण स्पष्ट नहीं होते है जिससे बिमारी अक्सर देर से पकड़ में आती है.
कुछ सामान्य लक्षणों में शरीर में दर्द हड्डियों का टूटना खून की कमी थकान और इम्युनिटी में कमी शामिल है इस बिमारी से ग्रस्त व्यक्ति को बार बार संक्रमण बुखार कमजोरी और हड्डियों में दर्द की शिकायत होती है इसके अलावा कई बार इसका प्रभाव किडनी और अन्य अंगों पर पड़ता है मल्टिपल माइलोमा का इलाज कई चरणों में किया जाता है जिनमें कीमोथेरेपी रेडियोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट शामिल हैं इस बिमारी का इलाज लंबा होता है.
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और मरीज को नियमित रूप सी अस्पताल में चेकअप करवाने की आवश्यकता होती है नई तकनीक और दवाइयों से अब इसके इलाज में काफी सुधार आया जिससे मरीज की जिंदगी बढ़ाई जा सकती है शारदा सिन्हा ने अपने जीवन को बिहार की लोक गायिका के लिए समर्पित कर दिया उनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार में हुआ उन्होंने मुख्य रूप से मैथिली और भोजपुरी भाषा में गीत गाये जो बिहार और उत्तर प्रदेश में अत्यंत लोकप्रिय हुए उनके गीतों में छठ पूजा शादी और सांस्कृतिक त्यौहार का विशेष स्थान था.
उनके छठ पर्व के गीतों ने हर दिल में अपनी खास जगह बना ली लेकिन इस तरह से छठ महापर्व की पहले दिन शारदा सिन्हा बिहार की स्वर कोकिला आज चले जाना वास्तव में झकझोर देने वाला है छठ गीत से शारदा सिन्हा ने अपनी पहचान बनाई और छठ महापर्व की पहले दिन उनका निधन होना हम सबको शोक में डुबो देता है फिलहाल इस खबर पर आपकी क्या कुछ राय हैं आप हमें कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए Tube Discover ऐप से जुड़ें.
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