इंडियन फ़िल्म इंडस्ट्री सहित पूरे भारत के लिए बहुत बुरी खबर आई है मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हो गया है वो 73 साल के थे दो हफ्ते से वो जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे उनके दिल और फेफड़ों में दिक्कत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था जहाँ उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी डॉक्टर्स भी उन्हें लेकर बिल्कुल श्योर नहीं थे उन्हें आइसीयू में रखा गया था भारत से उनका पूरा परिवार अमेरिका पहुँच गया है.
ज़ाकिर हुसैन के दुनियाभर में करोड़ों छहने वाले थे उन्होंने तबला बजाकर देश का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया था जाकिर हुसैन के कई शोज थे जिन्हें रद्द करना पड़ा है इस खबर को परिवार वालों ने मीडिया से छुपाकर रखा था ताकि लोगों को झटका ना लगे ज़ाकिर हुसैन तबला वादक उस्ताद अल्लारखा के बेटे हैं उनका जन्म 9 मार्च 1951 को हुआ था उन्होंने 12 साल की उम्र से संगीत की दुनिया में अपने तबले की आवाज़ को भी बिखेरना शुरू कर दिया.
1973 में उनका पहला एलबम लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड में आया था उसके बाद तो जाकिर हुसैन ने ठान लिया कि वो अपने तबले की आवाज पूरी दुनिया में बिखेरेंगे 1988 में जब उन्हें पद्मश्री पुरस्कार मिला तब वो महज 37 साल के थे इस उम्र में ये पुरस्कार पाने वाले वो सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे इसी तरह 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मभूषण का पुरस्कार दिया गया.
उन्हें 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड भी मिला है 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया आज की तारीख में पूरी दुनिया में उनसे बड़ा तबला वादक कोई नहीं है ज़ाकिर हुसैन के निधन की खबर सुनकर हर कोई दुखी हो गया है भारत ने अपने एक ऐसे तबला वादक को खो दिया है जिसकी कभी भरपाई हो सकेगी.