रेखा को पिता ने नहीं था अपनाया, पिता से नफरत करती थी उमराव जान, रेखा को नहीं मिला कभी भी पिता का नाम, तो पिता के अंतिम संस्कार में नहीं हुई थी शामिल, बॉलीवुड की एवर ग्रीन एक्ट्रेस रेखा के बारे में जितनी बातें की जाएं उतनी ही कम है आखिर 70 साल की उम्र में भी उनके चेहरे पर वही चार्म जो है जो गुजरे दौर में था कैरिअर में सक्सेस तो रेखा ने खूब देखी हाँ बस उन्हें अपने पर्सनल लाइफ में वो खुशियाँ कभी नसीब नहीं हो पाई जिनके सपने उन्होंने अपनी आँखों में संजोए थे.
ना प्यार मिला ना ही जीवन साथी का साथ और तो और एक्ट्रेस को तो अपने पिता का नाम और उनका अपनापन तक नसीब नहीं हो पाया था. जी हाँ फिल्मी दुनिया की तरह रेखा की निजी जिंदगी भी फिल्मी रही है ताउम्र वो सच्चे प्यार के लिए तो तरसी है बल्कि रेखा अपने पिता के प्यार के लिए भी तरसती रह गयी था आखिर रेखा को कभी उनके पिता जैमिनी गणेशन का नाम जो नहीं मिला ताउम्र उसने पिता से नफरत करती रहीं.
यहाँ तक कि जब रेखा के पिता जेमिनी गणेशन ने अपनी अंतिम सांस ली और वो इस दुनिया को छोड़ कर चले गए तब अपने ही पिता के अंतिम संस्कार तक में रेखा शामिल नहीं हुई थी आइये आज एक बार फिर से फ्लैशबैक में जाकर चर्चा की जाए रेखा के उनके पिता संग रिश्ते के बारे में, अभी वो तो रेखा का जन्म साउथ सिनेमा के एक सुपरस्टार पिता जैमिनी गणेशन की बेटी के तौर पर हुआ था लेकिन फिर भी एक्ट्रेस को कभी अपने पिता का नाम नहीं मिला रेखा के पिता जेमिनी को उनके दौर में किंग ऑफ रोमांस कहा जाता था.
जेमिनी इतने हैंडसम थे की लड़कियां उनकी एक झलक पाने का घंटों इंतजार किया करती थीं तो वहीं उनके साथ काम करने वाली ऐक्ट्रेसेस भी उनके जार्म पर फिदा रहती थी फिल्मी कैरिअर के अलावा जेमिनी अपने पर्सनल रिश्तों की वजह से भी खूब सुर्खियां बटोरा करते थे जेमिनी और उस दौर की नंबर वन एक्ट्रेस पुष्पावली की लव स्टोरी सबसे चर्चित कहानियों में से एक रही 1947 में रिलीज हुई फ़िल्म मिस मालिनी की शूटिंग के दौरान पहले से ही शादीशुदा जेमिनी गणेशन और पुष्पावली के बीच कुछ कुछ पकना शुरू हो गया था.
जेमिनी और पुष्पावली की नजदीकियां किसी से छुपी नहीं रही थी तो इनका रिश्ता विवादों से भी बच नहीं पाया था आखिर अक्टूबर साल 1954 में पुष्पावली बिन शादी की एक बेटी की माँ जो बन गयी थी अपनी बेटी का नाम पुष्पावती ने भानुरेखा रखा. ये बात तो जगजाहिर थी कि पुष्पावली ने जेमिनी की बेटी को जन्म दिया है लेकिन जेमिनी ने भानुरेखा को अपनी बेटी मानने से साफ इनकार कर दिया था जेमिनी ने पुष्पावली से शादी नहीं की थी.
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उन्होंने कभी पुष्पावली को अपनी पत्नी और बेटियों राधा और रेखा को कभी अपनी औलाद के रूप में स्वीकार नहीं किया था और नाजायज औलाद कहने का यही दुख हमेशा रेखा के दिल में बना रहा ऐसा भी बताया जाता है कि जैसे जैसे रेखा बढ़ी हुई उनके मन में पिता के लिए नफरत बढ़ती ही चली गयी हालांकि फिर साल 1993 में जब जेमिनी को फ़िल्म फेयर के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
तब रेखा खुद उन्हें ये अवॉर्ड देने पहुंची थीं पिता को अवॉर्ड देते वक्त रेखा ने उनके पैर भी छुए थे तब जेमिनी ने भी उन्हें पहली बार अपनी बेटी कहा था साल 2005 को जेमिनी का निधन हो गया था रेखा अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंची थी ऐसी भी चर्चा हुई थी कि रेखा अपने पिता के नफरत की वजह से उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई हालांकि सच ये था कि उस समय रेखा कुल्लू मनाली में अपनी फ़िल्म की शूटिंग में बीज़ी थीं.