अवार्ड के नाम पर शाहरुख खान, रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, बॉबी देओल और रेखा सहित पूरे बॉलीवुड को बेवकूफ बनाने वालों का पर्दाफाश हुआ है. आरोप है कि यह अवॉर्ड एक्टर से पैसे लेकर उन्हें बेचा जा रहा था. पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड में हर दूसरे एक्टर को दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल अवॉर्ड से नवाजा गया है, उनकी फ़िल्म फ्लॉप भी हो जाए लेकिन उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया गया है. इसके फर्जीवाड़े का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक तरफ ये अवॉर्ड शाहरुख खान ने भी जीता और दूसरी तरफ डॉली चाय वाले को भी यही अवॉर्ड मिल गया.
एक तरफ आलिया और रेखा को ये अवॉर्ड मिला तो दूसरी तरफ राखी सांवत ने ये अवॉर्ड जीत लिया. पुलिस ने अब इस अवॉर्ड को बांटने वाले अनिल मिश्रा और अभिषेक मिश्रा पर एफआइआर दर्ज कर ली है. अनिल मिश्रा गदर फ़िल्म बनाने वाले अनिल शर्मा के स्पॉटबॉय थे. अनिल ने बाद में दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल अवॉर्ड नाम से एक संस्था बनाई और ऐक्टर्स को अवॉर्ड बेचने लगे भारत सरकार भी दादा साहब फाल्के अवॉर्ड देती है ये फ़िल्म जगत का सबसे बड़ा अवार्ड है जो आज तक कुछ गिने चुने लोगों को मिला है.
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ये अवॉर्ड हर साल भी नहीं दिया जाता ये अवॉर्ड किसे देना है, ये भारत सरकार तय करती है. आखिरी बार दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिथुन चक्रवर्ती को साल 2022 में दिया गया था, लेकिन दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल हर पांच सात महीने में सैकड़ों की तादाद में बांटे जा रहे हैं. लोगों को लग रहा था कि यही दादा साहब फाल्के अवॉर्ड है जो भारत सरकार देती है अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले अनिल मिश्रा पहले फ़िल्म डायरेक्टर सुनील शर्मा के स्पॉटबॉय थे.
अनिल ने बाद में दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल अवॉर्ड नाम से एक संस्था बनाई और बॉलीवुड एक्ट्रेस को ये अवॉर्ड बेचने लगे, ऐसे में फ्लॉप फ़िल्म फ्लॉप एक्टर को भी बेस्ट फ़िल्म और बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड बेचा जाने लगा. इस अवॉर्ड की खरीद फरोख्त से बहुत अच्छी कमाई हो रही थी स्पॉन्सरशिप के नाम पर भी करोड़ों रुपए आने लगे. अवॉर्ड को पॉपुलर बनाने के लिए हर चंगु मंगू इन फ्यूचर को ये अवॉर्ड बांट दिया गया.
अवॉर्ड बेचने का धंधा तो फिलहाल कई बड़ी कंपनियां करने लगी हैं. अवॉर्ड शो तो अब वैसे भी असली नहीं हुआ करते है सब कुछ पहले से फिक्स होने लगा है, लेकिन ये एक शुरुआत है जो मुंबई पुलिस की तरफ से की गई है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में सख्ती दिखाई है. ऐसे फर्जी अवॉर्ड शोज को बंद करना चाहिए, फ़िलहाल आप क्या कहेंगे इस पर अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं.