आज हम बात करेंगे रणधीर कपूर के बारे में जो करिश्मा और करीना कपूर के पिता हैं यकीनन ही हम जो है यहाँ पर एक चीज़ जरूर कहेंगे कि अगर आप किसी शख्स की सक्सेस को देख रहे हैं अगर आप उसकी एक लग्ज़री लाइफ को देख रहे हैं तो यकीनन ही आपको उसका संघर्ष भी जानना चाहिए आज हम आपको रणधीर कपूर ने एक वक्त में कितना संघर्ष किया है एक वक्त ऐसा भी रहा था जब उनके पास बेटियों को पालने के लिए खाना खिलाने के लिए पैसे तक नहीं थे.
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आज अगर आप कपूर्स को इस इंडस्ट्री में राज़ करता हुआ देख रहे हैं तो आप यकीन मानिए कि जब आर्थिक तंगी से कोई व्यक्ति गुजर रहा होता है अरे मगर अगर अपने आपमें विश्वास रखें एक पॉज़िटिव ऐटिट्यूड रखें और काम पे अपना फोकस रखें तो वो दिन भी दूर नहीं जब आप जो है आसमान को छू लेंगे रणधीर कपूर की कहानी आज हम आपको बताएंगे की आखिर कार जब पहली फ़िल्म के लिए उन्हें दर दर की ठोकरें खानी पड़ी थी और इतना स्ट्रगल करना पड़ा था.
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वो अपनी दो बेटियों करीना कपूर और करिश्मा कपूर को खाना तक नहीं दे पा रहे थे इतनी आर्थिक तंगी से उन्हें गुजरना पड़ा था और कहीं ना कहीं जो है परिवार के लोगों को ऐसी सिचुएशन में आना पड़ा था कि जिनसे वो जो है कई रातें बिन कुछ खाई सो रहे थे तो आज अगर वो एक लग्ज़री लाइफ को जी रहे हैं तो वो डिज़र्व भी करते है हम यहाँ पर ये जरूर करेंगे तो आइये जानते हैं इस खबर के बारे में पूरी जानकारी बॉलीवुड एक्टर रणधीर कपूर ने ऐसे इंडस्ट्री में फ़िल्म में शानदार दी है.
और बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस इस दुनिया में उन्होंने कदम रखा था बॉलीवुड की दुनिया में इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया डायरेक्शन प्रोडक्शन में भी उतरे रणधीर कपूर की अहम फिल्मों में कल आज और कल, जवानी दीवानी, रामपुर का लक्ष्मण, चाचा भतीजा शामिल थे फिल्मों में उनका करियर उतार चढ़ाव भरा रहा वो अपने पिता राजकपूर भाई ऋषि कपूर की तरह स्टारडम की ऊँचाई याद नहीं छू पाई उनकी निजी जिंदगी में भी काफी उथल पुथल रही.
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शादी के कुछ सालों के बाद ही पत्नी बबिता से अलग वो हो गए और दोनों अलग अलग रहने लगे और हालांकि इन्होंने तलाक नहीं लिया था फ़िल्म में खास न चलने से इन्हीं बीवी बच्चो के खर्चे तक चलाने में उन्हें दिक्कत होने लगी बेटी करिश्मा करीना की स्कूल फीस तक भरने में परेशानी हुआ करती थी आपको जानकारी दे दें कि रणधीर कपूर का जन्म 15 फरवरी 1947 को मुंबई महाराष्ट्र में हुआ था 1920 से हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में सक्रिय कपूर खानदान में पैदा हुए थे.
लेजेंड्री फिल्ममेकर और ऐक्टर पृथ्वीराज कपूर इनके दादा और राजकपूर इनके पिता है ऋषि कपूर और राजकपूर इनके भाई है इसके अलावा इनकी दो बहनें रीमा और ऋतु कपूर है रणधीर जब छोटे थे तो अपने पिता राज़ कपूर के साथ उनकी फिल्मों की शूटिंग देखने जाया करते थे ऐसे में जब कोई रोमेंटिक सीन की शूटिंग होती थी तो राज कपूर उन्हें ₹5 देकर कहते थे जाओ बाहर जाके कुछ खा लो दरअसल उन्हें बेटे के सामने रोमैन्टिक सीन करने में हिचकिचाहट होती थी.
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दरअसल ग्रेजुएशन के बाद रणधीर ने राजकपूर से कह दिया की वो आगे पढ़ाई नहीं करना चाहते बल्कि फिल्मों में काम करना चाहते हैं रणवीर ने सोचा था कि उन्हें अपने ही आरके स्टूडियो में काम करने का मौका मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ राजकपूर ने उन्हें साफ साफ कह दिया कि अगर वो फिल्मों में काम करना चाहते हैं तो पहले आरके बैनर के बाहर जाकर काम करके देखें क्योंकि आरके स्टूडियो के मालिक होने के नाते वो यहाँ उतना सीख नहीं पाएंगे.
जितना उन्हें बाहर सिखाया जाएगा इसके बाद रणधीर ने डायरेक्टर लेख टंडन को असिस्ट करना शुरू कर दिया उन्होंने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर 1968 में आई फ़िल्म झुक गया आसमान में काम किया 1971 में एक्टर के तौर पर रणधीर कपूर ने फ़िल्म कल आज और कल से डेब्यू किया ये बतौर डायरेक्टर भी उनकी पहली फ़िल्म थी इस फ़िल्म में पिता राजकपूर और दादा पृथ्वीराज कपूर ने भी काम किया था राजकपूर पहले इस फ़िल्म में काम नहीं करना चाहते थे.
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क्योंकि इससे पहले उनकी छवि रोमैन्टिक हीरो की थी और स्क्रीन पर पिता का रोल करने में वो कम्फर्टेबल नहीं थे लेकिन रणधीर ने बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फ़िल्म में काम करने के लिए आखिरकार उन्हें मना लिया आरके बैनर के प्रोडक्शन में बनी इस फ़िल्म को ऐवरेज सक्सेस मिली इस फ़िल्म के सेट पर रणधीर और बबिता की प्रेम कहानी परवान चढ़ने लगी कल आज और कल से डेब्यू के बाद रणधीर कपूर ने 1972 में बैक टू बैक तीन फ़िल्में रिलीज की इसमें से एक फ़िल्म जीत थी.
जो एमजीआर और जयललिता की तमिल फ़िल्म ऐंड अन्ना की हिंदी रीमेक थी दूसरी फ़िल्म जवानी दीवानी थी जो 1972 की सबसे बड़ी हिट साबित हुई वहीं तीसरी फ़िल्म रामपुर का लक्ष्मण थी उसने रणधीर कपूर के अलावा शत्रुघ्न सिन्हा और रेखा भी मुख्य भूमिका में थीं फ़िल्म के डायरेक्टर मनमोहन देसाई थी और उसके म्यूजिक डायरेक्टर आर डी वर्मा थे जीत के सक्सेस के बाद मंदिर कपूर ने एमजीआर की एक और हिट फ़िल्में हिंदी रीमेक में काम करना शुरू कर दिया था.
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आपको बता दें कि खुद समय ऐसा भी रहा जब उन्होंने खूब स्ट्रगल भी किया बताया जा रहा है कि ऐसा कहीं रणधीर की असफलता का कारण जो है उनका अल्कोहल लेना था उसके बाद वो लगातार गिरने लगे इतना ही नहीं फिर पत्नी से तलाक हो गया रणधीर और बबिता भले ही 35 सालों से अलग रहे लेकिन इन्होंने कभी तलाक नहीं लिया इसकी वजह भी रणधीर कपूर ने एक इंटरव्यू में बताई थी उन्होंने कहा कि तलाक किस लिए ना मुझे दूसरी शादी करनी थी ना बबीता को.
इसके लिए तलाक का सवाल उठा ही नहीं आज भी बबिता और रणधीर किसी भी फैमिली फंक्शन में साथ नजर आते हैं और मुसीबत में एक दूसरे को हमेशा सपोर्ट करते हैं पिछले साल भी रणधीर और बबिता एक बार फिर से साथ रहने लगे हैं और ऐसे में आपको बता दें कि बतौर ए दो बेटियां करीना और करिश्मा को लेकर कही ना कही अब जो है जायदाद को लेकर भी तबाह बातें कही जा रही है.
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कहा जा रहा है कि हो सकता है की रणबीर कपूर की जो जायदाद है करीना और करिश्मा दोनों के बीच में बांटी जाये क्योंकि कहीं ना कहीं ये भी कहना गलत नहीं होगा की जो है रणधीर कपूर ने कइस इंडस्ट्री से खूब पैसा भी कमा लिया है खैर ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा की क्या कुछ रहता है फिलहाल आप इस खबर पर क्या कहेंगे हमें अपनी राय कमेंट करके जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वॉइन करें.