सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का नवंबर में कार्यकाल पूरा होने जा रहा है खबर है कि भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उन्होंने जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की है लेकिन हाल ही में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने अपनी दोनों बेटियों की बिमारी को लेकर बात की जो की चर्चा का विषय बन गया उन्होंने बताया कि दोनों बच्चियों को रेयर कंजनाइटर डिसोर्डर है जिसे नेमालाइन मायोपैथी कहा जाता है.
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ये एक ऐसा मेडिकल कंडिशन है जो मसल प्रोटीन को नुकसान पहुंचाता है जिससे मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है जिसके बाद मरीज को सांस लेने और भोजन करने में दिक्कत होती है आंकड़ों के मुताबिक 50,000 में से किसी एक को ये बिमारी होती है भारत के मुख्य न्यायाधीश बताते हैं कि इस डिसऑर्डर की वजह से उनकी फैमिली को कितने बड़े इमोशनल चैलेंज का सामना करना पड़ता है.
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साथ ही बेटियों को बायोप्सी जैसे दर्द भरे डायग्नोसिस को भी झेलना पड़ता है हालांकि मौजूदा वक्त में इस बिमारी का कोई पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन फिजियोथेरेपी और रिस्पेरेटरी सपोर्ट ट्रीटमेंट से इस डिसऑर्डर को मैनेज करने में मदद मिल सकती है मशहूर न्यूरोसर्जन डॉ पयोज पांडेय ने बताया कि नेमालाइन मायोपैथी एक रेयर जेनेटिक मसल डिसॉर्डर है.
जिसने मसल फाइबर के अंदर धागे जैसी संरचनाओं की मौजूदगी होती है जो आपके चलने फिरने और काम करने की क्षमता पर बुरा असर डालती है चूंकि ऐसा कई तरह के जीन म्यूटेशन के कारण होता है इसलिए मांसपेशियों की कमजोरी की गंभीरता के आधार पर इसके छह प्रकार होते हैं फिलहाल डीवाई चंद्रचूड़ के इस बयान पर आपको क्या कहना है हमें कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए Tube Discover ऐप से जुड़ें.
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