विजय वर्मा ने कुछ दिन पहले रिलीज़ हुई IC 814: द कंधार हाईजैक का नेतृत्व किया था और इतने कम समय में ही इस सीरीज़ ने अपनी कहानी और स्टार कास्ट की दमदार एक्टिंग से दर्शकों को प्रभावित किया है। जहाँ एक तरफ दर्शकों का एक वर्ग इस सीरीज़ से काफ़ी प्रभावित है, वहीं दूसरा वर्ग मेकर्स द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादियों का नाम ‘भोला’ और ‘शंकर’ रखने से नाराज़ है। यह इतना ज़्यादा है कि अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को इसके लिए तलब किया है।
आईसी 814: कंधार हाईजैक कानूनी पचड़े में फंसी
अंभुव सिन्हा निर्देशित आईसी 814: कंधार हाईजैक 24 दिसंबर, 1999 के हाईजैक मामले की कहानी पर आधारित है। इसमें इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर नाम के पांच आतंकवादियों ने विमान पर कब्जा कर लिया और विमान में सवार यात्रियों के बदले भारत पर कब्जे में आतंकवादियों की रिहाई की मांग की। हालांकि सीरीज ने इस घटना को पर्दे पर बहुत अच्छे से पेश किया है, लेकिन इसमें कुछ तथ्यों को बदल दिया गया है, जिससे निर्माताओं को बड़ी परेशानी हुई है।
सीरीज में आतंकवादियों के नाम बदलकर ‘भोला’ और ‘शंकर’ कर दिए गए हैं और नामों से धार्मिक भावनाएं जुड़ी होने के अलावा इस बदलाव से कहानी की प्रामाणिकता पर भी असर पड़ा है। नाम बदलने की यह बात कई दर्शकों को पसंद नहीं आई और उन्होंने इस पर ऑनलाइन चर्चा की और नाम पर संज्ञान लेते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को तलब किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को तलब किया
IC 814: द कंधार हाईजैक को OTT दिग्गज नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ किया गया। ANI की रिपोर्ट के अनुसार, प्लेटफ़ॉर्म के कंटेंट हेड को भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सीरीज़ में कथित रूप से इतने संवेदनशील मुद्दे के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए तलब किया है। यह बैठक बुधवार, 4 सितंबर, 2024 को होगी।
वेब सीरीज, आईसी 814: द कंधार हाईजैक के बारे में अधिक जानकारी
जो लोग नहीं जानते, उन्हें बता दें कि यह अनुभव सिन्हा की पहली वेब सीरीज है, और इसमें विजय वर्मा, दीया मिर्जा और पत्रलेखा मुख्य भूमिका में हैं। शो में दिग्गज अभिनेता पंकज कपूर, नसीरुद्दीन शाह और अरविंद स्वामी भी शामिल हैं। मीडिया से बातचीत में अनुभव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह सीरीज पिछले 25 सालों में आई सीरीज से अलग एक अनूठी कहानी पेश करती है।
अनुभव सिन्हा द्वारा ऐसे संवेदनशील मामले में नामों को विकृत करने पर अपने विचार हमें बताएं।
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