हम आपको बता दें कि कुछ राज्यों जैसे पंजाब हिमाचल प्रदेश छत्तीसगढ़ राजस्थान झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है जिसको लेकर देश के सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं 2023 की लोकसभा चुनाव का यह एक विशेष मुद्दा है चुनाव से पहले पुरानी पेंशन योजना की चर्चाएं तेज हो गई है.
पुरानी पेंशन योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
उच्चतम न्यायालय ने पुरानी पेंशन योजना के तहत एक याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई की जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया कि एक महीने के भीतर कर्मचारियों सभी लाभ सहित पेंशन दी जाय क्योंकि पेंशन एक ऐसी सामाजिक सुरक्षा योजना है जो सेवानिवृत्ति उसके बाद व्यक्ति के सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सहायता प्रदान करती है सुप्रीम कोर्ट के अनुसारपुरानी पेंशनयोजना अर्धसैनिक बलों को प्रदान की जाएगी.
पुरानी पेंशन योजना से जुड़ी नई खबर
पुरानी पेंशन योजना से जुड़ी नई खबर सामने आ रही है जिसमें कर्मचारियों द्वारा महारैली और आंदोलन करने की सूचना प्राप्त हुई है इसके साथ ही यह भी पता चला है कि उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों द्वारा 30 अक्तूबर से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी फिर जो कि चरणबद्ध तरीके से होगी इसके अलावा कर्मचारी दिल्ली के रामलीला मैदान मैं तीन दिनों तक प्रदर्शन भी करेंगे महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि यदि महारैली के बाद भी सरकार चुप रही तो सभी कर्मचारी कड़े फैसले लेने पर मजबूर हो जाएंगे.
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कर्मचारियों का हक है पुरानी पेंशन योजना
इस समय कर्मचारियों को जो पेंशन दी जा रही है पुरानी पेंशन योजना के मुकाबले काफी कम है जो सेवानिवृत्ति के बाद घर चलाने के लिए काफी नहीं है पुरानी पेंशन योजना 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दी गयी थी इसके स्थान पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को लागू किया गया था किंतु वर्तमान समय में कर्मचारियों के मध्य पुरानी पेंशन बहाली को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैकर्मचारियों की मांग है कि पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जाए.
पुरानी पेंशन योजना का राजनीति पर प्रभाव
लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन योजना पर चर्चाएं तेज हो रही और राजनीतिक दल इस बात का पूरा फायदा उठा रहे हैं इस एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करके चुनावी मुद्दा बना रहे हैं.
पुरानी पेंशन योजना का राजकोष पर प्रभाव
पुरानी पेंशन योजना को लेकर पक्ष विपक्ष के कई मत सामने आ रहे आलोचकों का कहना है कि यह पेंशन योजना लागू होने पर राजकीय जोखिम बढ़ जाएगा जबकि पक्षकारों का कहना है पेंशन हमारा संवैधानिक अधिकार है इससे आर्थिक प्रोत्साहन मिलता है सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों के परिवार के पालन पोषण के लिए आवश्यक है.
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निष्कर्ष–
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको एक नई जानकारी दी है उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके लिए काफी पसंद आई होगी और अगर आप किसी दूसरी योजना के बारे में जानकारी चाहते हैं तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं.