बॉलीवुड की विटीरियन एक्ट्रेस मुमताज़ की आज हम बात कर रहे हैं 37 रूपये कमाई होती थी जिस मुमताज़ की जिन्होंने छोटी उम्र में बॉलीवुड में कदम रखा था परिवार को सपोर्ट करने के लिए जिन्होंने अपने करियर की कर दी थी शुरुआत वो मुमताज़ के इस तरह से बॉलीवुड की रही चहेती और फिर बॉलीवुड से अचानक हुई गायब लेकिन आज भी जी रही है वो लैविश ज़िंदगी उनकी इस लैविश ज़िंदगी के पीछे कौन है मुमताज़ के इस आलीशान जिंदगी के पीछे कौन कर रहा है राज़.
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मुमताज़ अपनी आलीशान जिंदगी को कैसे कर रही है मेंटेन, बुढ़ापे की उम्र में 80 की पार उम्र को कैसे मुमताज ज़िंदगी को बेहतरीन तरीके से गुजार रही हैं आइये आपको बता दें मुमताज़ से जुड़े राज़ 31 जुलाई 1947 बॉम्बे में जन्मी मुमताज़ 5 साल की थी जब बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट संस्कार फ़िल्म में 1952 में रिलीज होने वाली संस्कार फ़िल्म में वो नजर आईं बेबी मोमो के तौर पर वो इंट्रोड्यूज की गई थी उनके पैरंट्स उन्हें बेबी मोमो कहा करते थे.
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पिता अब्दुल सलीम असकारी और माँ एक्ट्रेस शादी हबीब आगाह जो नाज के तौर पर जानी जाती थी ईरानियन ऑरिजिन था मुमताज़ की माँ का लेकिन बॉम्बे में सेटल थी वो जिसके कारण उनके लिए मुंबई में हिंदी सिनेमा जगत में अपना सपना पूरा करना आसान हो गया था अब्दुल नाज के तलाक के बाद यानी की मुमताज़ के माँ बाप के डाइवोर्स के बाद अकेली मुमताज़ जी थी सेपेशन पैरंट्स के हुए और अपनी माँ के घर पर वो चली गई.
परिवार को सपोर्ट करने के लिए वो और उनकी बहन ने फैसला लिया तब एक्स्ट्रा काम करने का रिपोर्ट्स के मुताबिक मुमताज़ ने ग्रुप सीन्स और एक्स्ट्रा में किए थे काम जी हाँ ग्रुप सीन्स के लिए वो काम किया करती थी एक्स्ट्रा में वो काम करती थी 37 रूपये एक दिन के वो कम आती थी सात की उम्र में मुमताज़ ने यासमीन फ़िल्म में किया काम, 1955 में ये फ़िल्म रिलीज हुई और फिर लाजवंती फ़िल्म में वो नज़र आईं 1958 में.
फिर सोने की चिड़िया आई 1958 में और स्त्री फ़िल्म आई 1961 में स्त्री 2 का जादू चल रहा है और आपको बता दे पहली स्त्री आई थी 1961 में और उसमें मुमताज़ ने लीड रोल प्ले किया था ए लिस्टर एक्ट्रेस के तौर पर काम करने के बावजूद मुमताज़ को बी ग्रेट, सी ग्रेड फिल्मों में भी काम करना पड़ा था जी हाँ मांताज की पहली फ़िल्म ऐ*डल्ट के तौर पर थी दारा सिंह के ऑपोजिट वो फ़िल्म आई थी 1963 में फौलाद इंटरव्यू में मुमताज़ ने एक बार बताया सर्टेन एक्स्टेंट के बारे में.
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कि ये कह सकती थी की वो अपने कैरियर दारा सिंह के साथ बनाने के लिए खुद ही रिस्पॉन्सिबल थी क्योंकि फ़िल्म में उनके साथ करने के बाद उन्हें काफी बड़े ऑफर मिलने लगे थे इसलिए हमेशा शुक्रगुजार रहेंगी वो दारा सिंह की लेकिन दारा सिंह के साथ काम करने के बावजूद बी ग्रेट और सी ग्रेड फिल्मों जैसी कि जवान, हर्क्यूलस, सैमसन में उन्होंने काम किया था जो बहुत ही निचले स्तर की फ़िल्में थीं आखिर क्यों मुमताज़ ने ये काम किए जो की राजेश खन्ना की चहीती हिरोइन राजेश खन्ना की हिरोइन भी बनी.
अपने करियर के सेकंड फेज की बात कर लेते है हम जब मुमताज़ को मजबूरियां नहीं थी पैसे कमाने के लिए बी ग्रेड सी ग्रेड फ़िल्में नहीं करनी थी मिला उन्हें सपोर्टिंग एक्ट्रेस का रोल काजल खानदान सावन की घटा हमराज मेरे सनम जैसी फिल्मों में और वो एक रेड फैमिली मूवीज़ थी जिसमें मुमताज़ को पहचान मिली और लीड हीरोइन बनीं वो इन फिल्मों से ए ग्रेड फिल्मों की और ब्रह्मचारी की कामयाबी ने उनकी रातोंरात किस्मत ही बदल दी.
और फिर दो रास्ते के साथ मुमताज़ राजेश खन्ना की फिल्मी सफर की दिलचस्प कहानी शुरू हुई जो इन दोनों की ब्लॉकबस्टर हिट थी और सात फ़िल्में बंधन, सच्चा, झूठी, दुश्मन, अपना देश, रोटी, आप की कसम, प्रेम कहानी जैसे फिल्मों में भी मुमताज और राजेश ने एक साथ किया काम मुमताज ने फिर सात आठ ब्लॉकबस्टर फ़िल्में की और बन गई वो बॉलीवुड की टॉप हीरोइन सिर्फ 27 की उम्र में और तब उन्होंने की उस वक्त के लखपति से शादी.
जी हाँ एक बड़े बिजनेसमैन से की शादी जिनका नाम था मयूर माधवानी 1974 में मुमताज़ ने आखिर में सेटल होने का लिया फैसला और बॉलीवुड को अलविदा कह दिया कई प्रोजेक्ट्स को उन्होंने कंप्लीट किया उसके बाद ही उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा कहा शादी के बाद मोम्बासा में वो सेटल हो गई हस्बैंड के साथ और फिर लंदन में परमानेंटली मुमताज़ हस्बैंड के साथ जाकर बस गई मयूर और मुमताज़ की दो बेटियां हुईं नताशा और तानिया.
बॉलीवुड में आँधियाँ फ़िल्म से 90 के दशक में मुमताज़ ने फिर कमबैक करने की कोशिश की थी क्योंकि फ़िल्में उनकी दुनिया थी यहाँ की लाइमलाइट उन्हें याद आती थी लेकिन उस फिल्म ने मुमताज़ को दोबारा वापसी करने के बावजूद खास लोकप्रियता फिर पहले जैसी नहीं दी फरदीन खान की सासु माँ ममताज ज्फिजू रोज खान के बेटे के साथ अपनी बेटी नताशा की साथ साल 2006 में शादी कराकर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हुई फरदीन की बेटी और बेटे की आज जो वो है नानी.
फिलहाल लंदन में ही वो रह रही है बीच बीच में वो इंडिया आती रहती है रिऐलिटी शोज में वो नजर आती हैं जिसके उन्हें मुंह मांगे पैसे भी मिलते हैं इसके अलावा सोशल मीडिया पर वो नजर आती है और तो और धर्मेंद्र जैसे अपने करीबी से मिलती है वो इंडिया ही नहीं बल्कि पाकिस्तान भी वो ट्रैवल करती ही रहती है फिल्मी गायकों के साथ कलाकारों के साथ उनकी मेल जोल इंडिया ही नहीं पाकिस्तान से भी गहरी है लेकिन मुमताज़ अगर आज बेहतरीन जिंदगी गुजार रही है.
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तो सिर्फ और सिर्फ विदेश में रहकर तो इसके पीछे का कारण ये है क्योंकि मुमताज़ मयूर माधवानी के साथ सेटल्ड बहुत शानदार तरीके से हैं आपको जानकारी देना चाहेंगे 54 की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित रहीं मुमताज़ ने कैंसर को तो हराया लेकिन उनके चेहरे में काफी बदलाव आया लेकिन करोड़ों की कमाई आज के डेट में है पहले की बदौलत इन्वेस्टमेंट और सेविंग की बदौलत जिसकी वजह से वो किसी पर निर्भर नहीं है.
तो इस तरह से मुमताज़ की कहानी हमने आप सबको बताई बॉलीवुड की ऐसी अदाकारा जो कि आज भी लोगों को अपनी चुलबुली अदाओं से पुराने जमाने की फिल्मों को लेकर बनी रहती है हमारे दिलों में फिलहाल आप इस खबर पर क्या कहेंगे हमें कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वॉइन करें.