लाखो करोडो दुआएं काम ना आ सके जूनियर महमूद साहब हमेशा के लिए सुकून की नींद सो गए हैं सड़सठ साल की उम्र में उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया और जन्नत फरमा गए बताते हुए गला रौंद रहा है की जूनियर महमूद साहब इस दुनिया में नहीं रहे देर रात 2:00 बजे उनका निधन हो गया वो पेट के स्टेज फ़ोर कैंसर से जूझ रहे थे उनकी हालत ऐसी हो गई थी की देखा तक नहीं जा रहा था उनकी तबियत खराब होने के बाद लगातार ऐक्टर्स उनसे मिलने आ रहे थे.
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जितेन्द्र जॉनी लिवर सुनील पाल मास्टर राजू जैसे पुराने याद कर लगातार उनके साथ बने हुए थे जितेंद्र उनकी हालत देखकर फूट फूटकर रो पड़े थे जिससे भी खबर मिल रही थी दौड़ा चला रहा था 350 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले जूनियर महमूद साहब को भला कौन नहीं जानता उन्होंने न जाने कितनी बार लोगों को अपने हुनर का करिश्मा दिखाया महज 10 साल की उम्र में वो फिल्मों में आ गए थे खुद महमूद ने उनकी प्रतिभा को देखकर उन्हें अपना नाम दिया और उन्हें जूनियर महमूद का खिताब दे दिया.
जूनियर महमूद का असली नाम नईम सहित था उन्होंने साल 1966 में फ़िल्म मोहब्बत जिंदगी है से अपने करियर की शुरुआत के वो परिवार प्यार ही प्यार चंदा और बिजली दो रास्ते कटी पतंग घर घर की कहानी आन मिलो सजना आज का अर्जुन और आग के शोले सहित कई फिल्मों में नजर आए आखिरी बार उन्हें साल 2019 में टीवी सीरियल तेनालीराम में देखा गया था जूनियर महमूद अपने पीछे अपना परिवार छोड़ गए हैं उनके परिवार में उनकी पत्नी दो बेटे बहू और एक होता है.
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जूनियर महमूद साहब का असली नाम नईम सय्यद था उनका जन्म 15 नवंबर 1956 को हुआ था जूनियर महमूद साहब का जाना इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा नुकसान है कतार 50 सालों तक मनोरंजन करना सरल नहीं होता महमूद साहब आप और आपकी शख्सियत हमेशा याद आएगी फिलहाल इस पर आपकी क्या राय हैं हमें कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पानी के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वॉइन करें.