पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन बर्खास्त होगी ममता सरकार योगी को मिल सकती है स्पेशल कमांड, बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था और ये जूनियर डॉक्टर के साथ में हुई घटना से पूरे देश में उबाल, आज राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे बंगाल के राज्यपाल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने तैयार किया खाका अमित शाह और मोदी के लिए बनाया तगड़ा प्लैन आज शॉकिंग ये रिपोर्ट, खतरे में आईं ममता सरकार योगी का बुलडोजर चलाने की दरकार कर रहे डॉक्टरों, जल्द हो सकता है बड़ा फैसला.
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कलकत्ता के सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के मामले पर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी के इस्तीफ़े और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं इसके अलावा चुनावों में देरी के कारण महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना है बताया जा रहा है कि अब इन सबके बीच योगी आदित्यनाथ को बड़ी कमांड मिल सकती है.
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आज हम आपको इस रिपोर्ट में राष्ट्रपति शासन लगाने के क्या बदलाव सामने आएँगे इसके बारे में बताएंगे इन सबसे तो हम आपको रूबरू कराएंगे ही लेकिन क्या आप भी चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए और मोदी की सरकार बर्खास्त होनी चाहिए अपनी राय हमें कमेन्ट में जरूर बताएं आपको बता दें कि बंगाल के मामले पर भाजपा पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाज़िया इल्मी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा.
कि उचित अथॉरिटी को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करना चाहिए वही जानकारी है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के छह महीने के अंदर चुनाव हो सकते हैं 26 नवंबर 2024 को जब महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल खत्म होगा उसके बाद राष्ट्रपति शासन लग सकता है मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और कहा कि राष्ट्रपति शासन में कुछ भी गलत नहीं है.
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मतदान और गिनती की प्रक्रिया कुछ हफ्तों में पूरी कर ली जाएगी राष्ट्रपति शासन लगाने की व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 355 और अनुच्छेद 356 में दी गई है अनुच्छेद 355 कहता है की केंद्र सरकार को राज्यों की बाहरी आक्रमण और यह आंतरिक शांति से बचना चाहिए केंद्र सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य सरकार ये संविधान के अनुसार चल रही है 356 में राष्ट्रपति को ये शक्ति दी गयी है की वो राज्य में संवैधानिक तंत्र में विफल होने पर राज्य सरकार की शक्तियां को अपने अधीन ले ले.
किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करने के लिए अक्सर इन दो अनुच्छेदों का इस्तेमाल करना होता है अगर राज्य सरकार संविधान के अनुसार काम करने में विफल रहती है तो राज्यपाल इसको लेकर राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेज सकता है राज्यपाल की सिफारिश को जब कैबिनेट की सहमति मिल जाती है तो किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाता है जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति शासन हमेशा कानून व्यवस्था और बिगड़ते हालातों को देखकर हो.
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जब राज्य में किसी भी दल के पास बहुमत ना हो और गठबंधन की सरकार भी ना चल पाए तो ऐसी स्थिति में राज्यपाल राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकता है राष्ट्रपति शासन में खास बात ये होती है कि इस अवधि के दौरान राज्य के निवासियों के मौलिक अधिकारों को खारिज कर दिया जा सकता है इस व्यवस्था में राष्ट्रपति मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्री परिषद को भंग कर देता है राज्य सरकार के कामकाज और शक्तियां राष्ट्रपति के पास आ जाती है और इसके अलावा राष्ट्रपति चाहें तो ये भी घोषणा कर सकता है कि राजू विधायकी की शक्तियां का इस्तेमाल करेगी.
इसे संसद ही राज्य के विधायक के तौर पर काम करती है और ऐसी स्थिति में बजट प्रस्ताव को भी संसद ही पारित करती है राष्ट्रपति शासन का प्रावधान केंद्र सरकार को किसी भी असामान्य स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाता है राष्ट्रपति शासन लगने के दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा इसको प्रूफ किया जाना जरूरी होता है फिलहाल आप इस खबर पर क्या कहेंगे हमें कमेंट में जरूर बताएं बाकी और भी ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वॉइन करें.
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