पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से जुड़ी 20 अनसुनी कहानियाँ आज हम आपको अब बताएंगे नरसिम्हा राव ने जब मनमोहन सिंह को आर्थिक सुधार का जिम्मा सौंपा था तब कहा था कि अगर ये मॉडल सफल हो गया तो क्रेडिट और श्रेय हम दोनों को मिलेगा लेकिन अगर ये मॉडल विफल हुआ तो सारी जिम्मेदारी आपको लेनी पड़ेगी मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री बनते ही एलपीजी मॉडल नरसिम्हा राव के सामने रखा उस मॉडल का मतलब था लिबरलाइजेशन प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन, डॉक्टर मनमोहन सिंह ने जब अपना पहला बजट पेश किया था.
तो विपक्ष की आलोचना से डॉक्टर मनमोहन सिंह आहत हो गए थे और वो इस्तीफा भी देना चाहते थे तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव को ये बात पता चली तो उन्होंने नेता विपक्ष अटल बिहारी वाजपेयी को फ़ोन कर पूरी कहानी बताई इसके बाद पिताजी ने डॉक्टर मनमोहन सिंह को समझाया कि उनकी आलोचना राजनीतिक है 2004 में यूपीए की जीत के बाद सोनिया गाँधी के प्रधानमंत्री बनने की चर्चा थी लेकिन सोनिया गाँधी ने डॉक्टर मनमोहन सिंह का नाम आगे करके सबको चौंका दिया.
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डॉक्टर मनमोहन सिंह 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने और मई 2014 तक देश का नेतृत्व किया वो देश के पहले सिख और चौथे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे भारत यूएस न्यूक्लियर डील पर मुहर लगवाने के लिए उन्होंने लेफ्ट पार्टियों के विरोध की कोई परवाह नहीं की जबकि सरकार उनके समर्थन से चल रही थी जो अमेरिका के साथ परमाणु करार के कड़े विरोधी थी लेफ्ट के विरोध के बावजूद उन्होंने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील की थी 2009 में मनमोहन सिंह दूसरी बार पीएम बनने को तैयार नहीं थे.
उन्होंने सोनिया गाँधी के सामने शर्त रखी थी कि बतौर प्रधानमंत्री जब कार्यकाल पूरा करने का मौका मिलेगा तभी दोबारा पद संभालेंगे 3 जनवरी 2014 को डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बतौर पीएम आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने 100 से ज्यादा पत्रकारों के 62 सवालों के जवाब दिए थे मनमोहन सिंह जवाहर लाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने जिन्हें 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार पीएम बनने का मौका मिला था मनमोहन सिंह कभी भी लोकसभा के सदस्य नहीं रहे.
उन्होंने 1991 से 2019 तक असम और 2019 से 2024 तक राजस्थान का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व किया डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अपनी पहचान एक राजनेता से कहीं अधिक एक कुशल अर्थशास्त्री के तौर पर बनाई. उन्होंने अपनी समझ और सूझबूझ से न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक संकट से बाहर निकाला बल्कि दुनिया के लिए उदाहरण के दरवाजे खोलकर भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनने का रास्ता साफ किया. 1970 और 1980 के दशक में डॉक्टर मनमोहन सिंह भारत सरकार में कई प्रमुख पदों पर रहे.
इस दौरान उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार रिज़र्व बैंक के गवर्नर और योजना आयोग के प्रमुख के तौर पर काम किया डॉक्टर मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था का आधुनिक वास्तुकार माना जाता है उन्होंने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना हाँ राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम को शुरू किया था डॉक्टर मनमोहन सिंह के नाम पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी दर्ज है 1987 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
2010 में उन्हें सऊदी अरब के ऑर्डर ऑफ किंग अब्दुल अज़ीज़ और 2014 में जापान के ग्रांड कॉर्टन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द पोलोनियम फॉलोवर्स से सम्मानित किया गया डॉक्टर मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले की गाह गांव में हुआ था 2004 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने थे तो पाकिस्तान में काफी चर्चा हुई थी डॉक्टर मनमोहन सिंह के पैतृक गांव गाह में एक गवर्नमेंट बॉय स्कूल है जो उसका नाम वहाँ की सरकार ने मनमोहन सिंह के नाम पर रखा है.
2008 की आर्थिक मंदी के झटकों से भी उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को उबारा था प्रधानमंत्री रहते हुए करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का श्रेय भी डॉक्टर मनमोहन सिंह को ही जाता है साल 2005 में उन्होंने मनरेगा लागू किया इस स्कीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया इसके तहत हर ग्रामीण परिवार को रोजगार की गारंटी दी और साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे में भी सुधार हुआ.
साल 2005 में ही सूचना का अधिकार कानून को भी पारित किया गया था जिसने सरकारी कामों में पारदर्शिता को बढ़ाया इस कानून के तहत जनता को सरकार के फैसले और नियमों से जुड़ी किसी भी जानकारी को हासिल करने का अधिकार है 2009 में नागरिको के लिए आधार योजना लागू किया ने हर भारतीय नागरिक को एक यूनीक पहचान दिलाई, जिससे लोगों तक सरकारी सेवाओं की पहुँच आसान हो गई.
डॉक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत ने आर्थिक विकास की ऊंची दर हासिल की 2004 से 2008 के बीच भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8% से अधिक रही. अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब अ प्रॉमिस्ड लैन्ड मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ की, उन्होंने लिखा है कि मनमोहन सिंह भारत की अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण के इंजीनियर रहे है उन्होंने लाखों भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला है.