फिल्मी दुनिया में राजेश खन्ना जैसा स्टारडम किसी स्टार ने नहीं देखा उनके बारे में जितनी भी कहावतें कही जाती है वो सब सच है उनकी गाड़ी की धूल से लड़कियों का मांग भरना उनकी कार के शीशे पर लिपस्टिक लगे होंठो से सैकड़ों किस करना उनके घर के बाहर सैकड़ों की तादाद में हमेशा खड़े रहना, ये सब राजेश खन्ना के अलावा किसी दूसरे स्टार को नसीब नहीं हुआ लेकिन उस शापित बंगले ने राजेश खन्ना को भी बर्बाद कर दिया जो उनसे पहले दो और सुपरस्टार्स को कंगाल कर चुका था.
क्या थी उस शापित बंगले की कहानी जिसे अक्षय कुमार ने अपने ससुर राजेश खन्ना के मरते ही फौरन बेच दिया था राजेश खन्ना के बंगले का नाम आशीर्वाद था. ये बंगला मुंबई के बांद्रा सैरगाह के सामने कार्टर रोड पर बना था तब कार्टर रोड में ज्यादातर पारसियों और एंग्लो इंडियन लोगों के बंगले हुआ करते थे जब मुंबई में फ़िल्म इंडस्ट्री फली फूली तो स्टार्स ने इन्हीं बंगलों को खरीदना शुरू किया इस बंगले को सुपरस्टार भारत भूषण ने सबसे पहले एक एंग्लो इंडियन फैमिली से खरीदा.
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भारत भूषण इस बंगले में शिफ्ट होने से पहले कई बड़ी हिट फ़िल्में दे चुके थे जिनमें बैजू बाबरा, मिर्जा गालिब, गेटवे ऑफ इंडिया, बरसात की रात वगैरह शामिल थी इस बंगले में आने के कुछ दिन बाद उनकी फ़िल्में फ्लॉप होने लगी कुछ ही सालों में भारत भूषण का स्टारडम खत्म हो गया और वो कर्ज में डूब गए. भारत भूषण ने ये बंगला बेच दिया, धीरे धीरे बंगला खंडहर दिखने लगा लोग से शापित मानने लगे 1960 में राजेंद्र कुमार को इस बंगले के बारे में पता चला.
अच्छी लोकेशन पर मिल रहे सस्ते बंगले को राजेंद्र कुमार ने खरीद लिया मनोज कुमार की सलाह पर इसका नाम डिम्पल रखा गया, ये राजेंद्र कुमार की बेटी का नाम था. राजेंद्र कुमार ने इसमें प्रवेश के साथ पूजा पाठ भी करवा दिया ताकि इसकी नेगेटिविटी खत्म हो जाये बंगले में जाने के बाद राजेंद्र कुमार को कुछ दिन सफलता मिली, लेकिन इसके बाद उनका भी बुरा समय आ गया उन्होंने बेटे के साथ मिलकर कई फ़िल्में प्रोड्यूस की जो फ्लॉप हो गई आखिरकार उनके पास भी पैसों की तंगी आ गई.
मजबूर होकर उन्होंने ये बंगला बेचने का फैसला ले लिया ये 70 का दशक था और उस वक्त लोगों की जुबान पर बस एक ही नाम चढ़ चुका था राजेश खन्ना, राजेश खन्ना जो एक साथ बैंक टु बैंक 17 हिट फ़िल्में दे चुके थे राजेश खन्ना को जब इस बंगले के बारे में पता चला तो उन्होंने इसे राजेंद्रकुमार से ₹3,50,000 में खरीद लिया लेकिन बंगला खरीदने के कुछ दिन बाद ही राजेश खन्ना के साथ वही हुआ जो उनसे पहले भूषण कुमार और राजेंद्र कुमार के साथ हुआ था.
1975 में राजेश खन्ना की फ़िल्में असफल होने लगी और धीरे धीरे उनकी जगह पर अमिताभ बच्चन आ गए फाइनेंशियल दिक्कतों के साथ राजेश खन्ना की पर्सनल लाइफ में भी दिक्कतें शुरू हो गई वो पत्नी डिंपल कपाड़िया से अलग हो गए राजेश खन्ना को कैंसर हो गया. राजेश खन्ना ने हालांकि ये बंगला नहीं छोड़ा और 2011 में इसी में रहते हुए अपने प्राण त्याग दिए, इसके बाद लोगों का विश्वास और मजबूत हो गया कि ये बंगला शापित है.
राजेश खन्ना की मौत के बाद ना ही उनकी पत्नी डिंपल कबाड़िया इस बंगले में रही और ना ही उनकी बेटियां अंकल खन्ना और रिंकी खन्ना ने इस में कदम रखा. राजेश खन्ना की मौत के तुरंत बाद उनके दामाद अक्षय कुमार ने इसे बेचने का फैसला ले लिया लेकिन कोई इस शापित बंगले को खरीदने को तैयार नहीं था आखिरकार 2014 में एक व्यापारी ने इसे 90 करोड़ रूपये में खरीद लिया और फिर 2 साल बाद इस शापित बंगले को ढा दिया गया ये बंगला फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए एक अभिशाप साबित हुआ.